सोने का बड़ा धमाका: आज 1,08,000 रुपये, लेकिन दिवाली तक 24 कैरेट सोना सिर्फ 60,000 रुपये, जानिए पूरी सच्चाई

भारत में सोने का महत्व सिर्फ आभूषण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे निवेश और परंपरा दोनों का प्रतीक माना जाता है। पिछले कुछ महीनों से सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा है और आज 24 कैरेट सोने का भाव 1,08,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा आम लोगों के लिए चौंकाने वाला है, क्योंकि इतने ऊँचे दामों पर सोना खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन इस बीच दिवाली से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है कि इस बार त्योहारी सीज़न में सोने की कीमत सीधे 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती है। यह खबर न सिर्फ निवेशकों के लिए बल्कि आम परिवारों के लिए भी राहत की सांस लाने वाली है। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और दिवाली पर सोने के दामों में इतनी भारी गिरावट की उम्मीद क्यों की जा रही है?
दिवाली पर सोने की कीमत क्यों घट सकती है?
भारतीय त्यौहारों और विशेषकर दिवाली पर सोने की डिमांड सबसे ज्यादा बढ़ जाती है। लेकिन इस बार कई आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय कारण ऐसे बन रहे हैं जिनकी वजह से सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। सबसे बड़ा कारण है अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और क्रूड ऑयल के दामों में स्थिरता। जब डॉलर मजबूत होता है तो सोने की ग्लोबल कीमतें घटने लगती हैं। साथ ही इस साल भारत सरकार और रिजर्व बैंक ने सोने के आयात पर नए नियम लागू किए हैं, जिससे सप्लाई चैन पर असर पड़ा है और कीमतों में गिरावट संभव हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली 2025 तक भारतीय बाजार में सोने का भाव करीब 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह पिछले कई वर्षों में सबसे बड़ा प्राइस-ड्रॉप होगा, जो ग्राहकों और निवेशकों दोनों के लिए सुनहरा मौका साबित होगा।
आम ग्राहकों और निवेशकों पर क्या होगा असर?
आज जब सोने का भाव 1,08,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है, तो आम ग्राहकों के लिए ज्वेलरी खरीदना बहुत मुश्किल हो गया है। शादियों का सीज़न करीब है और हर कोई सोने में निवेश करना चाहता है, लेकिन इतनी ऊँची कीमतें जेब पर भारी पड़ रही हैं। अगर दिवाली पर सोने की कीमत अचानक 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ जाती है, तो यह आम परिवारों के लिए राहत की बड़ी खबर होगी। न सिर्फ ज्वेलरी की बिक्री में उछाल आएगा, बल्कि निवेशकों के लिए भी यह सोना खरीदने का ‘गोल्डन चांस’ होगा। विश्लेषकों का कहना है कि अगर लोग इस गिरावट का फायदा उठाते हैं तो लंबे समय में उन्हें जबरदस्त रिटर्न मिल सकता है। कई परिवार जो शादी या त्यौहार पर सोना खरीदने की योजना टाल रहे थे, वे अब इसे हरी झंडी दिखा देंगे।
क्या यह गिरावट लंबे समय तक टिकेगी?
यह सवाल हर किसी के मन में है कि दिवाली पर सोने की कीमतें जब 60,000 रुपये तक आ जाएंगी, तो क्या यह लंबे समय तक टिकेगी या फिर कीमतें तुरंत दोबारा बढ़ जाएंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है। ग्लोबल मार्केट में लगातार उतार-चढ़ाव रहता है और डॉलर की पॉलिसी, अंतरराष्ट्रीय तनाव, और भारतीय डिमांड जैसे फैक्टर सोने की कीमत तय करते हैं। हो सकता है दिवाली पर कीमतें थोड़ी देर के लिए नीचे आएं, लेकिन शादी के सीज़न और नए साल की शुरुआत में डिमांड बढ़ने से दाम दोबारा ऊपर जा सकते हैं। इसलिए ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि अगर दिवाली पर सोना 60,000 रुपये के आसपास मिलता है, तो तुरंत निवेश करें। यह समय ‘बाय लो, सेल हाई’ स्ट्रैटेजी अपनाने का होगा।
निष्कर्ष: दिवाली 2025 बनेगी गोल्डन अवसर
दिवाली हमेशा से नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इस बार अगर सोने की कीमतें 1,08,000 रुपये से सीधे 60,000 रुपये तक आ जाती हैं, तो यह आम ग्राहकों और निवेशकों के लिए जीवन भर का सबसे बड़ा मौका होगा। यह प्राइस-ड्रॉप न सिर्फ भारतीय ज्वेलरी मार्केट को नई रफ्तार देगा, बल्कि सोने में निवेश करने वालों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगा। दिवाली 2025 सचमुच ‘गोल्डन दिवाली’ कहलाएगी, क्योंकि ऐसा मौका शायद बार-बार न मिले। जो लोग अब तक सोने के दामों से परेशान होकर खरीदारी टाल रहे थे, उनके लिए यह समय सही निवेश का होगा। इसलिए इस दिवाली सोना खरीदना सिर्फ परंपरा ही नहीं, बल्कि समझदारी भरा फैसला भी साबित हो सकता है।